सोसायटी के रजिस्ट्रेशन हेतु आवश्यक दस्तावेज और उद्देश्य सोसायटी का निर्माण कुछ व्यक्तियों के समूह द्वारा किसी एक उद्देश्य के लिए या पारमार्थिक या धार्
सोसायटी के रजिस्ट्रेशन हेतु आवश्यक दस्तावेज और उद्देश्य
सोसायटी का निर्माण कुछ व्यक्तियों के समूह द्वारा किसी एक उद्देश्य के लिए या पारमार्थिक या धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है | सोसायटी पंजीयन के लिए कम से कम सात (7) व्यक्तियों की आवश्यकता होती है और यह सोसायटी पंजीयन एक्ट 1860 के अधीन होता है परन्तु हर प्रदेश के सोसायटी पंजीयन हेतु अलग अलग अधिनियम बनाये गए है जैसे मध्य प्रदेश के लिए मध्य प्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 बनाया गया है |
सोसायटी के उद्देश्य
सोसायटी निम्न उद्देश्यों के साथ बनाई जा सकती है :- विज्ञान, शिक्षा साहित्य या ललित कलाओं की प्रचार-प्रसार एवं उससे सम्बन्धित इंस्टिट्यूट की स्थापना के लिये,
- जनउपयोगी ज्ञान के प्रसार के लिये
- राजनैतिक शिक्षा के प्रसार के लिये,
- सदस्यों के साधारण उपयोग के लिये या जनता के लिये खुले रहने वाले
- पुस्तकालयों या वाचनालयों के स्थापना या अनुरक्षण के लिये,
- चित्रकारी तथा अन्य कलाकृतियों की वीथिकाओं (Gallaries) की स्थापना तथा उनके संचालन के लिये,
- लोक संग्रहालयों की स्थापना तथा उनके अनुरक्षण (Maintenance)/संचालन के लिये,
- ऐतिहासिक वस्तुओ, यांत्रिक (Mechanical) तथा दार्शनिक आविष्कारों, उपकरणों या परिकल्पनाओं के संग्रहण के लिये,
- सामाजिक कल्याण के कार्यों के लिये,
- धार्मिक या खैराती प्रयोजन (Charitable purpose), जिसके अन्तर्गत सैनिक अनाथों के कल्याण,राजनैतिक पीडितों के कल्याण और वैसे ही व्यक्तियों के कल्याण के लिये, निधियों की स्थापना आती है, की स्थापना के लिये,
- व्यायाम-विद्या (Gymnastics) की प्रचार-प्रसार के लिये,
- राज्य सरकार या केन्द्रीय सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न स्कीमों की प्रोन्नति तथा उनका क्रियान्वयनः
- वाणिज्य,उद्योग तथा खादी के प्रचार-प्रसार हेतु
सोसायटी के पंजीयन के संबंध में कुछ ध्यान देने योग्य बाते
- सोसायटी पंजीयन मध्य प्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम १९७३ में दिए गए उद्देश्य के अंतर्गत ही होना चाहिए |
- सोसायटी का नाम पंजीयन अधिनियम के नियमों के अनुसार ही होना चाहिए |
- सोसायटी पंजीयन हेतु कम से कम ७ व्यक्तियों का होना आवश्यक है |
- संस्था के नाम में भारत, भारतीय, इण्डिया, इन्डियन, विश्व, राष्ट्र, राष्ट्रीय, नेशन, नेशनल, मध्यप्रदेश, इन्डियन इंस्टिट्यूट, मानव अधिकार, एवं अन्य नाम जैसा कि एम्ब्लास एंड नेम्स एक्ट के अनुसार प्रतिबंधित है नहीं होना चाहिए |
- संस्था का नाम राज्य शासन, केन्द्र शासन अथवा शासन से संबंधित अन्य क़ानूनी निकायों के समान नहीं होना चाहिए और ऐसे शब्दों का नाम में उपयोग नहीं होना चाहिए जिन्हें शासन द्वारा प्रतिबंधित किया गया हो |
- राष्टीय, अन्तराष्ट्रीय या विश्वव्यापी महत्व के शब्दों का उपयोग संस्था के नाम में नहीं होना चाहिए |
- नियमावली पर एक साक्ष्य का हस्ताक्षर आवश्यक है जो स्वतंत्र हो साक्षी का नाम और पता आवश्यक है |
सोसायटी पंजीयन हेतु जरुरी दस्तावेज
- सोसायटी का पता और पते हेतु दस्तावेज
- सभी सदस्यों का एड्ड्रेस प्रूफ और फोटो आई डी प्रूफ
- सोसायटी के पदाधिकारियों की सूची
- सोसायटी की नियमावली - नियमावली में सोसायटी का नाम, पता पदाधिकारियों की जानकारी, सोसायटी के उद्देश्यों की जानकारी और सोसायटी के संचालन सम्बन्धी नियम होते है |
- सोसायटी के सदस्यों की सूची उनके नाम, पिता का नाम, पद का नाम ( जैसे अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या सचिव / कोषाध्यक्ष ) और पता जिसमे पिन कोड आवश्यक है और साथ में उनके व्यवसाय का नाम जैसे वो नौकरी में है या व्यवसाय कर रहे है |
- पंजीयन के समय आवेदन के पश्चात चालान की प्रतिलिपि
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