धारा 27 और धारा 28 के भीतर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh ) सोसाइटी पंजीयक को भेजे जाने वाली वार्षिक जानकारी किसी संस्था की विश्वसनीयता उसके लेखा-जोखा व
धारा 27 और धारा 28 के भीतर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh ) सोसाइटी पंजीयक को भेजे जाने वाली वार्षिक जानकारी
किसी संस्था की विश्वसनीयता उसके लेखा-जोखा व कार्यप्रणाली से प्रमाणित होती है, संस्था में दस्तावेज की पूर्ति, समय पर पंजीयक व संबंधित विभागों को जानकारी भेजना मुख्य कार्य होते है जो संस्था संचालक को प्रतिवर्ष करना आवश्यक है इस पूर्तियो के बाद ही पंजीयक से पदाधिकारियों की प्रमाणित सूची प्राप्त हो पाती है |
किसी संस्था को पंजीकृत करने मात्र से संस्था क्रियाशील या जीवित नहीं रहती है, संस्था के वार्षिक क्रिया कलापों का विदित शुल्क के साथ पंजीयक को भेजने के बाद ही जीवित मानी जाती है |
संस्था की नियमावली में दिए गए उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संस्था कार्य करती है और संस्था की मासिक/वार्षिक बैठक, सदस्यता का प्रकार, सदस्यता राशी, नियमित निर्वाचन ये सभी कार्य संस्था की नियमावली अनुसार ही करना अनिवार्य होता है |
संस्था के प्राथमिक दस्तावेजो में 1. दो सुचना रजिस्टर, 2. प्रोसीडिंग, 3. सदस्यता पंजी शामिल होते है |
किसी भी संस्था का संचालन दो प्रकार की बैठको के द्वारा होता है –
बैक खाता:- संस्था के पंजीयन के बाद बैक खाता खोलना चाहिए तथा नियमावली के नियम (सामान्यत: धारा-22 बैक खाता ) में वर्णित पदाधिकारी कोई तीन अध्यक्ष/सचिव/कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर से यह खाता संचालित होता है | निर्वाचन के बाद पदाधिकारी के हस्ताक्षर बदल जाते है |
यह संस्था की बैठको व संस्था को चेक करने का प्रारूप है इसमें निर्वाचन की वर्तमान एवं पूर्व दिनांक आती है वार्षिक बैठक में उपस्थित सदस्यों का प्रकार व सूची लगानी होती है | पदाधिकारियों की हस्ताक्षर सूची (ओरिजनल/सत्यापित) लगती है जब निर्वाचन होता है तो पूर्व व वर्तमान दोनों सूची लगाना होती है | वार्षिक बैठक की पूर्व दिनांक एवं वर्तमान दिनांक देना होती है | तथा वार्षिक फीस भरी है तो उसका चालन न. व दिनांक देना अनिवार्य है | प्रारूप -7 का फारमेट निचे सलग्न है |
यदि दो साल या तीन साल का एक साथ हम विवरणिका भेजे तो प्रारूप प्रत्येक साल का भरना होगा |
यह भी पढ़े: 1. Audit Report Format for NGO
2. Amendment in Memorandum and Name of Society
इसके अंतर्गत आय-व्यय का लेखा-जोखा (पूर्व विवरण) एक लाख से अधिक होने पर चार्टर्ड अकाउंटेंट से आडिट करवाकर 30 अप्रेल से 90 दिन के भीतर विदित शुल्क 1000/- रु भरना होगा | लेट होने पर पेनल्टी 1000/- अतिरिक्त भरनी होती है |
कुछ अन्य प्रमुख बिंदु :
1. सोसाइटी का नाम और पूरा पता– …………………………………….....................................…………………………..............………………..............………………..............………....
2. पंजीयन क्रमांक तथा तारीख - IND …………………………….दिनांक………………………..
3. साधारण निकाय के वार्षिक सम्मिलन की दिनांक- ……………………………
4. विद्यमान/वर्तमान पदाधिकारियों की सूची कार्यकाल दि. ............................तक………………………….
1. मध्यप्रदेश सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 ( क्र. 44 सन 1973 ) की धारा 27 के अधीन 1000/-रु. की वार्षिक फीस, चालान क्रमांक....................... दिनांक ......................... के द्वारा जमा कर दी गई है, उसकी मूल प्रति संलग्न है|
[Download Praroop-7 PDF ##download##]
[Download Praroop-7 Word ##download##]
जानकारी स्त्रोत :
किसी संस्था को पंजीकृत करने मात्र से संस्था क्रियाशील या जीवित नहीं रहती है, संस्था के वार्षिक क्रिया कलापों का विदित शुल्क के साथ पंजीयक को भेजने के बाद ही जीवित मानी जाती है |
संस्था की नियमावली में दिए गए उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संस्था कार्य करती है और संस्था की मासिक/वार्षिक बैठक, सदस्यता का प्रकार, सदस्यता राशी, नियमित निर्वाचन ये सभी कार्य संस्था की नियमावली अनुसार ही करना अनिवार्य होता है |
संस्था के प्राथमिक दस्तावेजो में 1. दो सुचना रजिस्टर, 2. प्रोसीडिंग, 3. सदस्यता पंजी शामिल होते है |
किसी भी संस्था का संचालन दो प्रकार की बैठको के द्वारा होता है –
- साधारण सभा
- कार्यकारिणी/प्रबंधकारिणी बैठक
साधारण सभा
प्रत्येक संस्था को पंजीयन के बाद वर्ष में एक बार साधारण सभा करना अनिवार्य होता है | इसमें वार्षिक प्रतिवेदन/रिपोर्ट, वार्षिक आय-व्यय, बजट, नवीन प्रस्ताव की स्वीकृति, निर्वाचन/चुनाव, आडिटर की नियुक्ति या अन्य कार्यो पर चर्चा कर निर्णय लिए जाते है इनका विवरण लिखने के लिए रजिस्टर बनाये जाते है जिनमे 1. सुचना रजिस्टर, 2. प्रोसिडिंग रजिस्टर शामिल है |प्रबंधकारिणी बैठक
संस्था के विधान/नियमावली के अनुसार चुने हुए पदाधिकारी प्रबंधकारिणी के सदस्य होते है यह बैठक मासिक/त्रेमासिक होती है इसका कार्य साधारण सभा में स्वीकृत योजनाओ को संचालित/कार्यान्वित करना, कर्मचारियों के वेतन भत्ते का निर्धारण करना, संस्था की संपत्ति का रखरखाव आदि करना होता है | इनका विवरण करने के लिए रजिस्टर बनाये जाते है जिनमे : 1. सुचना रजिस्टर और 2. प्रोसिडिंग रजिस्टर शामिल है |सदस्यता पंजी
किसी भी संस्था में कार्य करने के लिए व्यक्ति की सदस्यता अनिवार्य होती है किसी आवेदक को सदस्यता देना या न देना यह निर्णय प्रबंधकारिणी का होता है | सदस्यता का प्रकार उसके द्वारा प्रदाय/दी गई राशी एवं संस्था द्वारा निर्धारित मापदंडो के अनुसार होता है | सदस्यता पंजी में सदस्यता राशी का पूर्ण विवरण होता है | संस्था के वेध सदस्य ही निर्वाचन में भाग ले सकते है | संस्था आडिट में भी इसकी आवश्यकता होती है |बैक खाता:- संस्था के पंजीयन के बाद बैक खाता खोलना चाहिए तथा नियमावली के नियम (सामान्यत: धारा-22 बैक खाता ) में वर्णित पदाधिकारी कोई तीन अध्यक्ष/सचिव/कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर से यह खाता संचालित होता है | निर्वाचन के बाद पदाधिकारी के हस्ताक्षर बदल जाते है |
वार्षिक रिटर्न
: पंजीयक को वार्षिक विवरणिका भेजना :- प्रारूप – 7 पर सलग्न जानकारी (धारा -27/Sec-27)
- आडिट रिपोर्ट एवं आय व्यय (धारा -28/Sec-28)
प्रारूप 7 / धारा 27
यह संस्था की बैठको व संस्था को चेक करने का प्रारूप है इसमें निर्वाचन की वर्तमान एवं पूर्व दिनांक आती है वार्षिक बैठक में उपस्थित सदस्यों का प्रकार व सूची लगानी होती है | पदाधिकारियों की हस्ताक्षर सूची (ओरिजनल/सत्यापित) लगती है जब निर्वाचन होता है तो पूर्व व वर्तमान दोनों सूची लगाना होती है | वार्षिक बैठक की पूर्व दिनांक एवं वर्तमान दिनांक देना होती है | तथा वार्षिक फीस भरी है तो उसका चालन न. व दिनांक देना अनिवार्य है | प्रारूप -7 का फारमेट निचे सलग्न है |
यदि दो साल या तीन साल का एक साथ हम विवरणिका भेजे तो प्रारूप प्रत्येक साल का भरना होगा |
यह भी पढ़े: 1. Audit Report Format for NGO
2. Amendment in Memorandum and Name of Society
धारा-28 Section 28
इसके अंतर्गत आय-व्यय का लेखा-जोखा (पूर्व विवरण) एक लाख से अधिक होने पर चार्टर्ड अकाउंटेंट से आडिट करवाकर 30 अप्रेल से 90 दिन के भीतर विदित शुल्क 1000/- रु भरना होगा | लेट होने पर पेनल्टी 1000/- अतिरिक्त भरनी होती है |
कुछ अन्य प्रमुख बिंदु :
- वार्षिक साधारण सभा होने के 45 दिन के अन्दर संस्था की जानकारी निर्धारित प्रारूप-7 पर भेजना होता है इसका शुल्क 1000/- रु मात्र है लेट होने पर पेनल्टी 1000/- अतिरिक्त भरनी होती है |
- ये दस्तावेज सुचना के अधिकार के अंतर्गत कोई भी मांग सकता है |
- संस्था का कोई भी सदस्य इसे देख सकता है इसकी प्रमाणित प्रति मांग सकता है |
- दान-अनुदान लेने वाली संस्था विभाग इसका निरिक्षण कर सकते है |
- आडिटर इसे देख सकता है |
प्रारूप 7
( नियम 11 देखिए )
मध्यप्रदेश सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 ( क्र. 44 सन 1973 ) की धारा 27 के अधीन शासी निकाय की सूची की जानकारी प्रस्तुत करने के लिए प्रपत्र
( नियम 11 देखिए )
मध्यप्रदेश सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 ( क्र. 44 सन 1973 ) की धारा 27 के अधीन शासी निकाय की सूची की जानकारी प्रस्तुत करने के लिए प्रपत्र
1. सोसाइटी का नाम और पूरा पता– …………………………………….....................................…………………………..............………………..............………………..............………....
2. पंजीयन क्रमांक तथा तारीख - IND …………………………….दिनांक………………………..
3. साधारण निकाय के वार्षिक सम्मिलन की दिनांक- ……………………………
4. विद्यमान/वर्तमान पदाधिकारियों की सूची कार्यकाल दि. ............................तक………………………….
अनुक्रमांक | नाम, पिता/पति का नाम | पता | धारित पद | हस्ताक्षर |
---|---|---|---|---|
1 | अध्यक्ष | |||
2 | उपाध्यक्ष | |||
3 | सचिव | |||
4 | कोषाध्यक्ष | |||
5 | सहसचिव | |||
6 | सदस्य | |||
7 | सदस्य | |||
8 | सदस्य |
1. मध्यप्रदेश सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 ( क्र. 44 सन 1973 ) की धारा 27 के अधीन 1000/-रु. की वार्षिक फीस, चालान क्रमांक....................... दिनांक ......................... के द्वारा जमा कर दी गई है, उसकी मूल प्रति संलग्न है|
घोषणा
मैं……………………………… पुत्र ………………………. आयु लगभग ……………… वर्ष एक प्राधिकृत अधिकारी के रूप में एतद द्वारा घोषणा करता हूँ कि उपर्युक्त जानकारी सोसाइटी के अभिलेख पर आधारित होने से तथा हमारी श्रेष्ठतम जानकारी के अनुसार सत्य है | सोसाइटी के अभिलेख मुझ अधोहस्ताक्षरकर्ता प्राधिकृत अधिकारी के अधिपत्य में है | मै यह जानता हूं कि यदि मेरे द्वारा कोई असत्य जानकारी दी जाती है तो मै उक्त अधिनियम की धारा 38 की उपधारा (2) के अधीन दण्डकादायी हो रहूँगा |हस्ताक्षर
नाम–………………………….
(अध्यक्ष/सचिव)
Download Links: नाम–………………………….
(अध्यक्ष/सचिव)
[Download Praroop-7 PDF ##download##]
[Download Praroop-7 Word ##download##]
जानकारी स्त्रोत :
अगर रजिस्ट्रेशन संस्था में विवाद होने पर दो समिति बन जाए जिसमें दो अध्यक्ष तथा उनकी अलग-अलग कार्यकारिणी भी हो तो किसे वैलिड अध्यक्ष माना जावे तथा इसका निराकरण कौन कर सकता है न्यायालय या रजिस्ट्रार
ReplyDeleteयह पहले निराकरण रजिस्ट्रार आफिस की प्रमाणित सूचि से होगा परन्तु यदि उसमे भी विवाद है तो फिर पहले इसे रजिस्ट्रार आफिस में आवेदन दे कर निराकरण किया जायेगा और फिर भी विवाद की स्थिति में न्यायालय में आवेदन किया जा सकेगा |
Deleteअगर रजिस्टर्ड समिति किसी दूसरी संस्था जो रजिस्टर्ड नहीं है उसके आधिपत्य या उसके नाम से आवंटित भूमि तथा उस पर बने भवन, दुकानों का संचालन करती है तो क्या यह वैलिड है या अनवैलिड
ReplyDeleteवर्तमान में कई सस्थाए बिना रजिस्टर्ड हुए कार्य कर रही है इस स्थिति में यह वेलिड है परन्तु यदि कोई लीगल कार्य होता है उस कारण परेशानी हो सकती है |
Deleteरजिस्ट्रेशन संस्था के बजट को साधारण सभा कैसे पास किया जाता हैं
ReplyDeleteसंस्था के बजट को पास करने के लिए साधारण सभा में प्रस्ताव पारित करना होगा और उस प्रस्ताव की जानकारी साधारण सभा की सुचना में भी देनी होगी |
Deleteधारा 27-28 पेनाल्टी कब तक लगता है
ReplyDeleteयह पेनल्टी जब तक आप धारा 27-28 की जानकारी रजिस्ट्रार के पास जमा नहीं कर देते |
Deleteक्या कोई रजिस्टर्ड संस्था अपने पदाधिकारियों एवं सदस्यों के लिए आई कार्ड जारी कर सकते हैं
ReplyDeleteक्या कोई पंजीकृत संस्था की ओर से अपने पदाधिकारियों एवं सदस्यों का पहचान पत्र संस्था की ओर से जारी किया जा सकता है
ReplyDeleteजी बिलकुल पहचान पत्र जारी कर सकती है परन्तु उसका उपयोग सिमित होगा | यह अध्यक्ष के द्वारा जारी किया जाएगा |
Deleteकिसी भी पंजीकृत संस्था में जो सोसायटी अधिनियम 1973 मध्य प्रदेश के द्वारा पंजीकृत है इस संस्था में निर्वाचन प्रक्रिया कैसे की जाती है
ReplyDeleteक्या कोई पंजीकृत संस्था द्वारा अपने पद अधिकारियों को संस्था के कर्तव्य पालन हेतू शपथ दिलाई जा सकती है
ReplyDeleteक्या किसी पंजीकृत संस्था के द्वारा संस्था के कर्तव्य पालन हेतू अपने पद अधिकारियों को शपथ दिलाई जा सकती है?
ReplyDeleteक्या कोई पंजीकृत संस्था अपने पद अधिकारीयो के लिये कोई ड्रेस कोड को लागु कर सकती हैं
ReplyDeleteसंस्था बनाते समय रजिस्ट्री की कॉपी लगानी होती है उससे कोई नुकसान तो नही होगा
ReplyDeleteनमस्कार सर को संस्था आना कार्यालय पता और नाम बदलना चाहते तो केसे बदलाव कर सकता है
ReplyDeleteसंस्था का नाम एक्ट के मुतबिक सेक्शन 12 में बताया है संस्था के कम से कम दो तिहाई सदस्यों द्वारा साधारण सभा में प्रस्ताव पारित करने के बाद ही सस्ता का नाम बदला जा सकता है और इसकी एक सुचना रजिस्ट्रार को देना होगी | साथ ही साथ पंजीयन प्रमाण पत्र भी वापस लौटाना होगा |
Deleteसोसायटी एक्ट 1973 के एक्ट में संस्था का पंजीकृत होने के बाद क्या उस संस्था के पदाधिकारियों को अलग से पद दिया जा सकता है जैसे संगठन मंत्री जिला संयोजक आदि
ReplyDeleteजी बिल्कुल, सोसायटी एक्ट में ऐसी कोई मनाही नही है । आप अनिवार्य पदों के अतिरिक्त भी पद दे सकते है ।
Deleteसर क्या सोसायटी एक्ट 1973 के अंतर्गत सोसाइटी प्रमाण पत्र को रिन्यूअल भी करना पड़ता है क्या उसकी क्या प्रक्रिया होती है
ReplyDeleteअगर किसी के विद्यमान पदाधिकारियों का कार्यकाल पूर्ण हो जाता है उसका कार्यकाल कैसे बढ़ाया जाता है
ReplyDeleteक्या सोसायटी एक्ट 1973 के तहत सभी पदाधिकारियों का निर्वाचन के पश्चात शपथ ग्रहण कर सकते हैं कृपया मुझे जवाब दें
ReplyDeletedhara 27 evam 28 me hamari sanstha ko kitna penality dena hai yah kaha dekhne pr pata chalega evam apni sanstha ko online kaise dekh sakte hai
ReplyDeleteअभी बिना लेट फी के धारा 27 और धारा 28 में 1000 +1000 = 2000 फीस लगती है और पेनल्टी इसकी दुगनी हो जाती है यानी टोटल 4000/- रूपये |
Delete4000 me us year ka challan fee bhi inlcuded hota hai ya penalty + challan (4000+2000 = 6000) hoga.
Deleteपेनल्टी के साथ फी मतलब फीस 2000 + 2000 (पेनल्टी) टोटल 4000 रुपए | यानी पेनल्टी के साथ |
Deleteकिसी भी वर्ष में 4000 रूपये से ज्यादा का चालान नहीं भरना है (धारा 27 और 28 दोनों में ) और यदि समय पर यह जमा कर रहे है तो सिर्फ 2000 रूपये फीस ही लगेगी |
सर धारा 27 एवं 28 के तहत सोसाइटी के निर्वाचन होने के बाद क्या संस्था अपने पदाधिकारियों को कर्तव्य निर्वहन के लिए शपथ दिला सकते हैं
ReplyDelete