Amendment in Memorandum & Name of Society | संस्था/सोसाइटी के नाम और नियमावली में बदलाव के नियम सोसायटी के कार्यों को संचालित करने हेतु इसकी नियमावली
Amendment in Memorandum & Name of Society | संस्था/सोसाइटी के नाम और नियमावली में बदलाव के नियम
सोसायटी के कार्यों को संचालित करने हेतु इसकी नियमावली का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है | संस्था/सोसाइटी की नियमावली में संस्था/सोसाइटी से संबंधित सभी नियम होते है और संस्था/सोसाइटी के संचालन सम्बन्धी जानकारी होती है |
सोसायटी के नियमावली में निम्न नियम व शर्ते रहती है :
सोसायटी के पदाधिकारियों को साधारण सभा में बदला जा सकता है और साधारण सभा में बहुमत से संकल्प पारित कर बदला जा सकता है | कोई पदाधिकारी खुद से Resignation दे तब उसकी नियुक्ति कार्यकारिणी मंडल द्वारा मासिक बैठक में की जा सकती है |
सोसायटी के नियमावली में निम्न नियम व शर्ते रहती है :
- संस्था/सोसाइटी के कार्य करने का क्षेत्र
- संस्था/सोसाइटी के उद्देश्य
- संस्था/सोसाइटी में सदस्यों को प्रवेश देने की शर्ते
- संस्था/सोसाइटी से सदस्यों के निष्कासन संबंधित शर्ते
- कुछ दी गयी परिस्थितियों में जुर्माने आदि लगाने के नियम
- किसी तरह का जुर्माना न भरने के परिणाम,
- सदस्यों के निष्कासन एवं त्यागपत्र हेतु नियम
- संस्था/सोसाइटी के पदाधिकारियों की नियुक्ति, निष्कासन संबंधित नियम और उनके अधिकार
- कार्यकारिणी मंडल/शासकीय निकाय का गठन, निकाय की नियुक्ति, निष्कासन और उनकी शक्तियां
- कार्यकारिणी मंडल की बैठक और उसमे प्रस्ताव पारित करने हेतु नियम
- कार्यकारिणी मंडल की बैठक की सुचना और बैठक के करने के समय संबंधित नियम
- संस्था/सोसाइटी के वार्षिक सम्मलेन या साधारण सभा के समय, स्थान संबंधित नियम
- संस्था/सोसाइटी के सम्मेलनों में काम-काज करने हेतु आवशयक गणपूर्ति (कोरम)
- नियम बनाने उन्हें परिवर्तित करने हेतु नियम
- संस्था/सोसाइटी के दैनिक कार्य करने हेतु खर्च करने के अधिकार एवं उस हेतु राशि खर्च करने की सीमा
- बैक खाता खोलने हेतु नियम और संचालन हेतु नियुक्त पदाधिकारी
- संस्था/सोसाइटी के बहीखातो को रखे जाने की विधि
- संस्था/सोसाइटी को विघटित करने की रीति
- विघटन के पश्चात इस बात का उल्लेख कि संपत्ति का उपयोग किस प्रकार किय जाएगा |
- अन्य ऐसे नियम जिन्हें संस्था/सोसाइटी के स्वरूप और उद्देश्यों को पूर्ण करने हेतु बनाया गया हो
संस्था/सोसाइटी की नियमावली में संशोधन
- संस्था/सोसाइटी की नियमावली में संशोधन तब तक मान्य नहीं होगा जब तक वह अधिनियम के अधीन पंजीकृत न हुआ हो | संशोधन संबंधित नियम अधिनियम की धारा 12 में दिए गए है |
- संशोधन हेतु आवेदन निर्धारित प्रारूप में रजिस्ट्रार कार्यालय में मय निर्धारित शुल्क के साथ जमा कराना अनिवार्य है | इसके पश्चात यदि संशोधन अधिनियम के प्रतिकूल नहीं है ऐसा निष्कर्ष निकलने पर रजिस्ट्रार इसे पंजीकृत कर सकेंगे |
- पंजीकृत होने के पश्चात धारा 29 में दिए गए शुल्क को देकर इसकी प्रमाणित प्रति रजिस्ट्रार कार्यालय से ली जा सकती है |
- संस्था/सोसाइटी की नियमावली में संशोधन संस्था/सोसाइटी के सदस्यों के अतिरिक्त रजिस्ट्रार के द्वारा भी किया जा सकता है यदि रजिस्ट्रार यह उचित समझे कि संशोधन जनसामान्य के लिए आवशयक है |
- संस्था/सोसाइटी की नियमावली में संशोधन हेतु साधारण सभा में संकल्प (Resolution) कम से कम दो तिहाई (2/3) सदस्यों द्वारा पारित किया जाना आवश्यक है |
संस्था/सोसाइटी के नाम में संशोधन
- संस्था/सोसाइटी के नाम में संशोधन हेतु संकल्प (Resolution) साधारण सभा में कम से कम दो तिहाई सदस्यों (2/3 Members) द्वारा पारित किया जाना चाहिए एवं जो नया नाम प्रस्तावित किया गया है वो अधिनियम में दिए गए नियमों के अंतर्गत होना चाहिए |
- नाम परिवर्तन हेतु संस्था/सोसाइटी को फॉर्म IV में आवेदन देना होगा और साथ ही साथ प्ररित संकल्प (Resolution) की प्रति और संस्था/सोसाइटी का पंजीयन प्रमाण पत्र भी रजिस्ट्रार को प्रेषित करना होगा |
- रजिस्ट्रार द्वारा आवेदन अनुमोदित होने के पश्चात फार्म V में नया पंजीयन प्रमाण पत्र दिया जावेगा |
- संस्था/सोसाइटी के नाम संशोधन का सदस्यों जो की नाम संशोधन के पहले संस्था/सोसाइटी में हो या नाम संशोधन के बाद आये हो उनके अधिकारों पर किसी भी प्रकार का कोई अंतर नहीं होगा |
संस्था/सोसाइटी की नियमावली में संशोधन हेतु रजिस्ट्रार के अधिकार (धारा 11)
- मध्य प्रदेश सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम या इसके बनाए नियमों के अंतर्गत यदि रजिस्ट्रार को ऐसा लगता है कि संस्था/सोसाइटी की नियमावली में संशोधन जनसामान्य के लिए और उनके हित के लिए आवश्यक है तब रजिस्ट्रार नियमावली में संशोधन हेतु लिखित में संस्था/सोसाइटी को आदेश देगा कि वह निर्धारित समय में नियमावली में संशोधन करे |
- यदि सोसाइटी रजिस्ट्रार द्वारा धारा 11(1) में दिए गए आदेश को निर्धारित समय में पूर्ण करने में निष्फल रहती है तब रजिस्ट्रार संस्था/सोसाइटी को अपनी आपत्त्तिया सही करने का अवसर देने के पश्चात-
- नियमावली/ज्ञापन में संशोधन करेगा जो कि जनसामान्य के लिए आवश्यक हो और उसकी एक प्रतिलिपि संस्था/सोसाइटी को भेजेगा |
- यह संशोधन सोसाइटी और उसके सदस्यों पर लागू होगा |
सोसायटी के पदाधिकारियों को साधारण सभा में बदला जा सकता है और साधारण सभा में बहुमत से संकल्प पारित कर बदला जा सकता है | कोई पदाधिकारी खुद से Resignation दे तब उसकी नियुक्ति कार्यकारिणी मंडल द्वारा मासिक बैठक में की जा सकती है |
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